न्यूज़ डेस्क। आईआईटी (IIT) और आईआईएम (IIM) से पढ़ने वाला एक शख्स जिसने अपने दम पर 3500 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया और आज उसे जेल जाना पड़ा है। ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वैसे तो हमने कई ऐसे उदारण देखें जहां लोग गरीबी से अमीरी तक का सफर तय करते हैं, लेकिन हम यहां आपको ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जो हर किसी को अचांभित कर देती है।
कौन है सीआर सुब्रमण्यम
जिस शख्स की यहां बात की जा रही है, वो सीआर सुब्रमण्यम (CR Subramanian) हैं, जो रिटेल चैन कंपनी सुभिक्षा के संस्थापक हैं और जिन्हें अब धोखाधड़ी के मामले में 20 साल की जेल हो गई है। सीआर सुब्रमण्यम ने बैंकिंग, व्यवसाय और इंजीनियरिंग सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की, लेकिन आज वो जेल की सलाखों के पीछे हैं।
धोखाधड़ी का दोषी पाया
20 नवंबर 2023 को दिए गए अदालती फैसले के अनुसार सीआर. सुब्रमण्यम को एक विशेष अदालत ने सैकड़ों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का दोषी पाया और उन्हें अदालत ने 20 साल की सजा सुना दी। सीआर सुब्रमण्यम की बात करें तो उसने मई 1991 में वित्तीय सेवा कंपनी विश्वप्रिया की स्थापना करके व्यवसाय की दुनिया में अपना पहला कदम रखा। तेजी के साथ उनके उद्दम ने गति पकड़ी और कई निवेशकों को आकर्षित किया। विश्वप्रिया ने कई निवेश योजनाएं शुरु की। प्राइम इन्वेस्ट, एसेट बैक्ड सिक्योरिटी बॉन्ड, लिक्विड प्लस, और सेफ्टी प्लस ने काफी चर्चा बटोरी। इन योजानों में ऊंचे रिटर्न का वादा किया जाता था।
विश्वप्रिया से सुभिक्षा तक
रिपोर्ट्स में सामने आई जानकारी की माने तो विश्वप्रिया में 587 निवेशकों ने 137 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम निवेश की थी। निवेश करने वालों का जो वर्ग था उसमें ज्यादातर मध्यम वर्गीय लोग, छोटे और रिटायर्ड कर्मचारी थे। इन सब के बीच सीआर सुब्रमण्यम ने 1997 में सुभिक्षा (Subhiksha) नामक एक रिटेल चेन शुरुआत की। सुब्रमण्यम का लक्ष्य था कि सुभिक्षा आम लोगों के लिए सस्ता और सुविधाजनक रिटेल स्टोर बने। सुब्रमण्यम की रिटेल चेन तेजी से भारत में फैल गई और 1600 से ज्यादा स्टोर देशभर में खुल गए। यही नहीं इस कंपनी की कीमत 3500 करोड़ तक पहुंच गई थी।
सीआर सुब्रमण्यम को अजीम प्रेमजी, आईसीआईसी वेंचर्स और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे दिग्गज निवेशकों का सपोर्ट भी मिला था। लेकिन इसके बाद चीजें बदल गईं और सुब्रमण्यम वित्तीय कदाचार के जाल में फंस गए । उनकी कंपनी निवेशकों से पैसे का संदिग्ध तरीके से इस्तेमाल किया और उच्च रिटर्न का वादा किया जो पूरा नहीं हो सका।
137 करोड़ की धोखाधड़ी
2023 में मामला सामने आया जहां उन्होंने 137 करोड़ की धोखाधड़ी स्वीकार की। इसके बाद उन्हें 20 साल की जेल हुई और भारी जुर्माना भी लगाया गया। न्यायालय ने सुब्रमण्यम पर 8.92 करोड़ का जुर्माना लगाया है तथा संबंधित संस्थाओं पर सामूहिक रूप से 191.98 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इस जुर्माने में से 180 करोड़ रुपए प्रभावित जमाकर्ताओं को मुआवजा देने के लिए निर्धारित किए गए हैं।सुभिक्षा में निवेश करने वाले 587 निवेश अभी भी अपने रिफंड का इंतेजार कर रहे हैं।