मिलिए उस शख्स से जो कभी मुकेश अंबानी जितना था अमीर, आज किराए के घर रहने को मजबूर

मिलिए उस शख्स से जो कभी मुकेश अंबानी जितना था अमीर, आज किराए के घर रहने को मजबूर

Amit Dev Sharma

Published on:

न्यूज़ डेस्क।। बिजनेस करने वाले लोगों की जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। अगर कोई व्यापारी अमीर है और कल को वह गरीब भी हो सकता है। समय का कुछ कहा नहीं जा सकता है। हम यहां उस शख्स के बारे में बता रहे हैं जो कभी मुकेश अंबानी जितना अमीर था, लेकिन आज किराए घर में रहने के लिए मजबूर है। बता रहे हैं एक ऐसे बिजनेसमैन के बारे में जो अपने ब्रांड के दम पर देश के घर -घर में पहुंचा है, लेकिन आज एक-एक पैसे के लिए मोहताज है।

इस व्यवसाय की शुरुआत 1940 में रेमंड के मालिक विजयत सिंघानिया (Vijaypat Singhania) ने की थी। 1940 में कैलाशपत सिंघानिया ने महाराष्ट्र के ठाणे में एक कपड़ा मिल खरीदी और उसका नाम बदलकर रेमंड मिल रख दिया। कपड़े को ध्यान में केंद्रित करते हुए उन्होंने अपनी शुरुआत में सस्ते कपड़े बनाए और 1958 में रेमांड का पहला शोरूम खोला और इसके बाद कारोबार धीरे-धीरे आगे बढ़ा और 12,000 करोड़ तक पहुंच गया। 1986 में कंपनी ने कपड़े का साथ पार्क एवेन्यू नाम से एक परम्यूब ब्रांड लॉन्च किया।रेमंड ग्रुप के संस्थापक कैलाशपत सिंघानिया ने 1980 में कंपनी की बागडौर अपने भतीजे विजयपत को सौंप दी थी।

विजयपत सिंघानिया ( Vijaypat Singhania) ने रेमंड ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। विजयपत ने रेमंड ग्रुप को वैश्विक ब्रांड बनाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद 2015 में रेमंड्स के सभी शेयर अपने बेटे गौतम सिंघानिया को हस्तांरित कर दिए, उस वक्त उनकी कीमत 1000 करोड़ रुपए थे। बेटे को यह सबकुछ सौंपना उनके लिए बड़ी गलती साबित हुई। इसके बाद विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम सिंघानिया के बीच एक फ्लैट को लेकर विवाद हो गया।

दोनों के बीच रिश्ते खराब हो गए और विवाद इतना बढ़ गया कि गौतम ने अपने पिता को बेघर कर दिया। विजयपत सिंघानिया ने मुंबई के मालाबर हिल्स स्थित अपने आलीशान घर, 37 मंजिला हाउस को छोड़ दिया। मजबूरन उन्हें अब दक्षिण मुंबई के ग्रैंड पराडी सोसाइटी में किराए के मकान में रहना पड़ रहा है।

जुड़े रहें ➥