न्यूज़ डेस्क। वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण की अध्यक्षता में जून 2025 में जीएसटी परिषद (GST Council Meeting 2025) की 56 वीं बैठक होने वाली है। इस बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर राहत के लिए लंबे समय से लंबित प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक बैठक संसद के मानसून सत्र के पहले होने की उम्मीद है। ख़बरों की माने तो मंत्रियों का समूह वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवर के साथ-साथ लाइफ इंश्योरेंस पर पूर्ण जीएसटी छूट का समर्थन करेगा।
बता दें कि बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने परिषद के समक्ष अपनी अंतिम टिप्पणियां पहले ही प्रस्तुत कर दी हैं। इससे एक महत्वपूर्ण इनफुट के रूप में देखा जा रहा है, जिसे दिसंबर 2024 में पिछली बैठक में मांगा गया था। सूत्रों की माने तो बीमा पर मंत्री समूह अपने पिछले प्रस्ताव को फिर से पेश कर सकता है। ऐसे में देखना होगा कि क्या टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर पूरी तरह से जीएसटी छूट की सिफारिश पर मुहर लगती है या नहीं।
जीओएम ने तो आम जानता के लिए वहनीयता बढ़ाने के लिए 5 लाख रुपए तक के कवरेज वाली स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी माफ करने का सुझाव दिया है। गौरतलब हो कि फिलहाल तो जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। केंद्र सरकार 2047 तक सभी के लिए बीमा लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में इस दर में कटौती पर विचार कर रही है। लेकिन अगर प्रस्तावित छूट को मंजूरी मिलती है तो सालाना लगभग 2,600 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हो सकता है, जिसमें टर्म लाइफ कवर से लगभग 200 करोड़ रुपए और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम छूट से 2,400 करोड़ रुपए का घाटा शामिल है।
जीएसटी राहत की बात इसलिए जोर पकड़ रही है क्योंकि भारत में बीमा पैठ कम हुआ है। आईआरडीआई की वार्षिक रिपोर्ट में पहले बीमा पैठ में गिरावट की जानकारी दी गई थी, जो वर्ष 2024 में 3.7 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले वर्ष 4 प्रतिशत पर थी। जीवन बीमा कंपनियों द्वारा प्रीमियम संग्रह में 6 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद यह लगाातर दूसरी गिरावट है। जीवन बीमाठ पैठ 2022-23 में 3 प्रतिशत की तुलना में घटकर 2.8 प्रतिशत रह गई है।