न्यूज़ डेस्क।। कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम रेलवे (western Railway) ट्रेन के डिब्बों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीट बढ़ाने का काम करेगी। पश्चिमी रेलवे अपनी प्रत्येक ट्रेन में दो लगेज कंपार्टमेंट में से एक को संशोधित और परिवर्तित करेगा ताकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैठने की जगह बढ़ाई जा सके।
रेलवे ने यह कदम बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया है, जिसमें पिछले साल कहा गया था कि भारतीय रेलवे को वरिष्ठ नागरिकों को लोकल ट्रेनों के लगेज कंपार्टमेंट में यात्रा करने की अनुमति देनी चाहिए।कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका के जवाब में दिया था, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए समर्पित डिब्बों की मांग की गई थी। जनहित याचिका में कहा गया था कि लगभग 50,000 वरिष्ठ नागरिक प्रतिदिन लोकल ट्रेनों में यात्रा करते हैं।
अदालत के आदेश को लागू करने के लिए पश्चिमी रेलवे अपने 100 नॉन-एसी ट्रेनों के बेड़े में चर्चगेट छोर से सातवें कोच को संशोधित करेगा। सूत्रों की माने तो यह ‘वरिष्ठ नागरिकों’ का डिब्बा होगा, और प्रत्येक कोच में 14 सीटें होंगी।वहीं इस संदर्भ में प्रत्येक ट्रेन में एक लगेज कम्पार्टमेंट खत्म होने पर रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में लगेज या बड़े पार्सल के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में कमी देखी गई है।
केवल मुंबई के डब्बावाले ही हैं, जो हर दिन शहर भर में ग्राहकों को हज़ारों लंच बॉक्स पहुँचाते हैं, जो अब भी इस कम्पार्टमेंट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उनकी संख्या भी कम हो गई है। इस मामले में ही मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर ने कहा, “इस पेशे में अब बमुश्किल 2,000 डब्बावाले बचे हैं, जो कोविड-19 से पहले के समय में 5,000 से कम है। इससे पहले वे 75,000-1,00,000 लंच बॉक्स ले जाते थे, जो अब घटकर लगभग आधा रह गया है।