ईरान-इज़राइल संघर्ष का असर, भारत में सस्ते हो सकते हैं चावल

Iran-Israel conflict

ईरान-इज़राइल संघर्ष का असर, भारत में सस्ते हो सकते हैं चावल

Amit Dev Sharma

Published on:

न्यूज़ डेस्क।। ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध (Iran-Israel conflict )  का असर अब व्यापार भी देखने को मिलने लगा है। बता दें कि हाल ही में निर्यात में वृद्धि के कारण बासमती चावल की कीमतें बढ़ी हैं,लेकिन भू-राजनौतिक तनाव के बीच ईरान को संभावित निर्यात कटौती के कारण कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ निर्यात विकास एजेंसी के मुताबिक सऊदी अरब और इराक के बाद ईरान भारतीय बासमती चावल का तीसरा सबसे बड़ा खरीददार है। 2024-25 के दौरान ईरान को भारत बासमती चावल निर्यात 6,374 करोड़ मूल्य का था जो अब उस अवधि के लिए भारत के कुल बासमती निर्यात का 12.6 प्रतिशत था। बता दें कि भारतीय बासमती चावल की कीमतें 75-90 रुपए प्रति किलोग्राम तक गिर जाने के बाद पश्चिमी एशिया और ईरान के प्रमुख आयातक देशों ने अपनी खरीद बढ़ा दी थी, जिससे कीमतों में तेजी आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक बासमती चावल के निर्यातक राजेश जैन पहाड़िया ने कहा, निर्यात कीमतें एक महीने पहले के 950-1000 डॉलर प्रति टन से घटकर 900-950 डॉलर प्रति टन पर आ गई है। एक घरेलू व्यापारी ने बताया कि बासमती चावल की कीमतें जहां अप्रैल तक अपने निचले स्तर पर पहुंच गई थीं क्योंकि कई कारकों के कारण वैश्विक निर्यात कम हो गया था।

हालांकि निर्यात मांग में वृद्धि हुई क्योंकि हर कोई कम कीमतों पर स्टॉक करना चाहता था, जिससे मई में निर्यात वृद्धि हुई।वैसे तो बासमती चावल की कीमतें स्थिर हैं, लेकिन युद्ध बढ़ने के संकेत मिलने पर देश अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्ति करने के लिए आधिक खरीददार करते हैं। इन बातों के बीच चावल निर्यातक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने वर्तमान समुद्र शिपमेंट और लंबित भुगतान के मुद्दे पर भी चर्चा कहै। बता दें कि ईरान के साथ बासमती व्यापार के लिए बकाया राशि आमतौर पर 1,000 से 1,200 करोड़ रुपए है।

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