न्यूज़ डेस्क।। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI ) ने देश भर के तमाम बैंकों को छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश दिया है, जिसके तहत 30 सितंबर 2025 तक 75 प्रतिशत एटीएम में कम से कम एक कैसेट से ये नोट निकलना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक देश के 2,15,000 एटीएम से 73 प्रतिशत ने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया है, जो दिसंबर 2024 में 65 प्रतिशत था।
सीएमएस इन्फो सिस्टम्स जो 73,000 एटीएम संचालित करता है । अध्यक्ष अनुष राघवन ने इस बारे में कहा कि, 60 प्रतिशत उपभोक्ता खर्च अभी भी नकदी पर निर्भर है और छोटे नोटों की उपलब्धता ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में दैनिक लेनदेन को सुगम बनाएगी। बता दें कि रिजर्व बैंक के द्वारा मार्च 2026 तक 90 प्रतिशत एटीएम को इस मानक के अनुरुप करने का लक्ष्य है।
आरबीआई ने 1 मई 2025 से एटीएम इंटरचेंज शुल्क में वृद्धि की घोषणा की है, जिससे नकदी निकासी महंगी होगी। इंटरचेंज शुल्क वह राशि है, जो एक बैंक को एटीएम के लिए चुकाता है। नई दरों के मुताबिक नकद राशि का शुल्क 17 से बढ़ाकर 19 और गैर वित्तीय लेनदेन का शुल्क 6 से बढ़कर 7 रुपए हो गया है।
यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करेगा जो मुफ्त लेन देन का सीमा को पार करते हैं। उदाहरण के लिए कोई एचडीएफसी ग्राहक एसबीआई के एटीएम से मुफ्त सीमा के बाद नकदी निकालता है तो अतिरिक्त शुल्क देना होगा।यह बदलाव डिजिटल भुगतान को बढ़ाने दे की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन बार-बार एटीएम उपयोग करने वालों के लिए लगातार बढ़ सकती है।