6 जुलाई तक टेंशन में रहेगा चीन, शी जिनपिंग सरकार की उड़ी रातों की नींद, क्यों कांप रहा ड्रैगन

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6 जुलाई तक टेंशन में रहेगा चीन, शी जिनपिंग सरकार की उड़ी रातों की नींद, क्यों कांप रहा ड्रैगन

Amit Dev Sharma

Published on:

न्यूज़ डेस्क।। दुनिया में कई जगह संघर्ष देखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ गया है, वहीं दूसरी ओर रूस और यूक्रेन जंग लड़ रहे हैं। इन सब सब के बीच चीन (China) में भी टेंशन है। लेकिन वह किसी युद्ध की वजह से या ताइवन को लेकर नहीं बल्कि बात कुछ और है। दरअसल 14 वें दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर आने वाला फैसला चीन की सत्तारूढ़ शी जिनपिंग की कम्यूनिष्ट पार्टी की नींद उड़ा रहा है।

बता दें कि 6 जुलाई को दलाईलामा 90 वां जन्मदिन मनाएंगे और साथ ही वह अपने उत्तराधिकारी की घोषणा भी कर सकते हैं।  चीन टेंशन में है कि यह घोषणा तिब्बत में अलगाववाद की भावना को फिर हवा दे सकती है। इस वजह से ही चीन के टॉप सिक्योरिटी अफसर चेन वेनकिंग हाल ही में तिब्बत से सटे चिंगहाई प्रांत के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने इस दौरान ही स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों और धार्मिक संस्थानों को निर्देश दिए कि वे तिब्बत से जुड़ी हर गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें।

चीन की चिंता बड़ी वजह के पीछे कारण यह है कि दलाई लामा पहले ही कह चुके हैं कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर, विशेषकर भारत में जन्म ले सकता है। उन्होंने मार्च में छपी अपनी किताब में यह भी लिखा कि उनका पुर्नजन्म (उत्तराधिकार) उस पद्धति से होगा जो पारंपरिक तिब्बती बौद्ध परंपरा से जुड़ी है, न की चीन सरकार की मंजूरी से।

बता दें कि चीन पहले ही दलाई लामा को अलगाववादी करार दे चुका है। इस बारे में चीन का कहना है कि कोई भी धार्मिक उत्तराधिकार उसकी अनुमति और नियमों के तहत ही मान्य होगा।1995 में चीन ने 10 वें पंचेन लामा के उत्तराधिकारी को अपनी पसंद से चुना था, लेकिन जिसे दलाईलामा ने भी मान्यता नहीं दी। वहीं अब 11 वें पंचेन लामा के तौर पर चीन के ग्याइनचेज नोरबू को स्थापित किया है जो कम्यूनिस्ठ पार्टी से जुड़े कई मंचों पर भी सदस्य हैं।

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