न्यूज़ डेस्क।। मिजोरम की राजधानी आइजोल अब भारतीय रेल नेटवर्क का हिस्सा बन चुकी है। खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बसी आइजोल को रेल नेटवर्क से जोड़ना इतना आसान नहीं था, लेकिन भारतीय रेलवे के लिए यह बड़ी उपलब्धि अब बनी है। बता दें कि बैरबी- सैरंग ब्रॉड- गेज रेलमार्ग (Bairabi–Sairang Line ) का अंतिम खंड जो होरटोकी से सैरंग तक 33.86 किलोमीटर तक फैला है, उसको अब रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने सुरक्षा मंजूरी दे दी है। कहीं ना कहीं 51.38 किलोमीटर लंबी परियोजना ने आइजोल को रेल के माध्यम से देश से जोड़कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह रेल मार्ग न केवल मिजोरम के लोगों के लिए यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि क्षेत्रीय संपर्क और सामाजिक, आर्थिक विकास को भी नई गति देने का काम करेगा।
सीआरएस ने 6 से 10 जून 2025 तक आइजोल को जोड़ने वाले रेल मार्ग का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान 45, 50, 80 और 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से परीक्षण किए गए, जिन्होंने ट्रैक की स्थितरता और सुरक्षा को साबित किया। अब यह रेलमार्ग मुख्य लाइन पर 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से यात्री और मालगाड़ियों के संचालन के लिए तैयार है।
निरीक्षण रिपोर्ट जल्द ही रेल मंत्रालय को सौंपी जाएगी, जिसके बाद इस मार्ग का औपचारिक उद्याटन होगा। पहाड़ी इलाकों में इस रेलमार्ग का निर्माण करना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। रेलमार्ग में जहां 32 सुरंग, 35 बड़े पुलों और कई छोटे पुलों व ओवरपास का निर्माण शामिल है। खासतौर पर 104 मीटर ऊंचा एक पुल, जो दिल्ली की कुतुब मीनार से भी ऊंचा है।
कहा जा रहा है कि यह रेलमार्ग मिजोरम के लिए एक नया द्वार खोलेगा। यह व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा। मिजोरम इस रेलमार्ग के साथ देश के अन्य हिस्सों के साथ कंधे-कंधा मिलाकर नई ऊंचाइयों छूने के लिए तैयार है।