Aadhaar Enabled Payment System: भारतीय रिजर्व बैंक ने आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा बढ़ाने के लिए गाइडलाइन जारी की है। RBI का यह कदम धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाने के लिए माना जा रहा है। बता दें कि RBI ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के जरिए सर्विस देने वाले ऑपरेटर्स एक्सेस देने से जुड़े नियमों को लेकर बैंकों को निर्देश जारी किए हैं। आरबीआई की ओर से अधिग्रहण करने वाले बैंक को एईपीएस टचप्वाइंट ऑपरेटर को शामिल करने से पहले सभी एटीओ की उचित जांच-पड़ताल करने को कहा है।
यह निर्देश ग्राहक जोड़ते समय अपनाई वाली एक तरह की जांच है। वैसे एटीओ की उचित जांच-पड़ताल पहले ही व्यवसाय उप-एजेंट के रूप में की जा चुकी है तो उसे बैंक अपने साथ जोड़ सकता है। ये निर्देश अगले साल यानि 2026 में 1 जनवरी से लागू होंगे। आरबीआई ने कहा कि, किसी एटीओ के लगातार तीन महीने तक निष्क्रिय रहने की स्थिति में अधिग्रहण करने वाले बैंक को उसे आगे लेनदेन करने में सक्षम बनाने से पहले उसका केवाईसी सत्यापन करना होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अपनी जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि, हाल ही में पहचान की चोरी या ग्राहक पहचान के साथ समझौता करने के कारण एईपीएस के जरिए धोखाधड़ी की ख़बरें आई हैं। ऐसे में अब बैंक ग्राहकों को ऐसी धोखाधड़ी से बचाने और सुरक्षा बनाए रखने के लिए एईपीएस की मजबूती को बढ़ाने की जरूरत है।
बताया गया है कि, ये निर्देश भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10(2) के साथ धारा 18 के तहत जारी किए गए हैं। बैंकिंग नियामक ने कहा कि एटीओ के संबंध में परिचालन मापदंडों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।