End of Life Vehicles: देश की राजधानी दिल्ली में एक नियम लागू होने से वाहन चालाकों की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि उन्हें पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। बता दें कि दिल्ली में अब पुराने वाहनों को ईंधन नहीं मिलने वाला है। वायु प्रदुषण से दिल्ली को बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने 15 वर्ष या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 वर्ष या उससे अधिक पुराने डीजल वाहनों के लिए ईंधन प्रतिबंध लागू किया है।
दिल्ली में वाहन सबसे बड़े प्रदुषक
नवंबर 2024 में सीएसई की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वाहन सबसे बड़े प्रदुषक हैं जो सभी स्थानीय उत्सर्जन स्त्रोतों से होने वाले प्रदुषण में आधे से आधिक के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदुषण को रोकने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सांविधिक निर्देश संख्या 89 जारी किया, जिसके तहत पूरे एनसीआर में सभी प्रकार के माल वाहक, वाणिज्यिक, पुराने दोपहिया वाहनों के खिलाफ कड़े कदम उठा गए हैं।
62 लाख वाहनों पर लगेगा प्रतिबंध
सरकार के इस कदम से दिल्ली में करीब 62 लाख (61,14,728) वाहन प्रभावित होंगे। हरियाणा में 27.5 लाख ओवरएज वाहन, उत्तर प्रदेश में 12.69 और राजस्थान में 6.2 लाख है। इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए परिवहन विभाग ने तीन तैनाती योजना बनाई है, जिसमें दिल्ली पुलिस यातायात पुलिस और दिल्ली नगर निगम के कर्मियों को शामिल किया जाएगा। दिल्ली पुलिस के जवानों को 1 से 100 नंबर वाले ईंधन स्टेशनों पर तैनात किया जाएगा, जबकि परिवहन विभाग 101 से 159 नंबर वाले ईंधन स्टेशनों पर 59 विशेष टीमें तैनात करेगा। पुराने वाहनों में ईंधन भरने पर नजर रखने और उसे रोकने के लिए प्रत्येक 350 चिह्नित पेट्रोल पंप पर पुलिस अधिकारी तैनात किया जाएंगे।
कैसे लागू होगा नियम
पेट्रोल पंप दो अतिरिक्त पुलिस कर्मी भी तैनात किए जाएंगे, ताकि कानून व्यवस्था बनाई रखी जाए।498 पेंट्रोल पंप पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) लगाए गए हैं। बता दें कि यह यह प्रणाली इतनी सटीक है कि जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना वाहन नंबर प्लेट पढ़ने में सक्षम है और इसके बाद ही यह साफ हो जाएगा कि वाहन कितना पुराना है। दिल्ली के कई पेंट्रोल पंप मालिकों का इन नए नियमों को लेकर यही कहना हैकि पहले इसका ट्रॉयल होना चाहिए था।
दिल्ली के पेट्रोल डीलर निश्चल सिंघानिया का मानना है कि इस तरह की बड़ी योजना को लागू करने से पहले एक ट्रायल रन किया जाना चाहिए था। उनका कहना रहा कि प्रवर्तन दल कितने दिन तक रहेगा? 30 दिन, 60 दिन, 90 दिन? उसके बाद हम स्थिति को कैसे संभालेंगे? वाहन छूट जाने का भी डर है, क्योंकि हमें दंडित किया जाएगा। इस योजना को पूरे एनसीआर में एक साथ लागू किया जाना चाहिए। वहीं यात्रियों ने भी इस योजना को लागू करने के लिए ट्रायल के सुझाव दिए हैं।