Bihar Election 2025 : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरु हो गया है। इसके तहत बूथ लेवल अधिकारी घर जाकर लोगों के गणना प्रपत्र भरवाएंगे। 25 जून से शुरू हुआ गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 26 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को किया जाएगा। विपक्षी दल चुनाव आयोग के द्वारा किए जा रहे पुनरीक्षण कार्यक्रम पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस पर अब चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि, बिहार देश का पहला राज्य है, जहां पर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। मौजूदा समय में बिहार में 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाता हैं। पिछला अभियान 2002 में यह हुआ था, जिसकी अंतिम सूची 1 जनवरी 2003 को प्रकाशित हुई। तब इसमें 4 करोड़ 69 लाख मतदाता शामिल हुए थे।
चुनाव आयोग का साथ ही कहना है कि 2003 की सूची में दर्ज मतदाताओं को केवल प्रविष्टियों की पुष्टि के लिए गणना प्रपत्र भरना होगा। यदि किसी के माता-पिता में से एक या दोनों का नाम 2003 की सूची में है तो उन्हे नाम जोड़ने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रपत्र केवल उन लोगों को भरना है, जिनका नाम 24 जून 2024 की सूची में दर्ज है। चुनाव आयोग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम क्यों शुरू किया गया है।
आयोग के मुताबिक शहरीकरण, पलायन, युवाओं का मतदाता बनना, मृत्यु की सूचना न मिलना और अवैध प्रवासियों के नाम शामिल होने जैसे कारणों के चलते इस अभियान की आवश्यकता है। इससे त्रुटिहीन मतदाता सूची तैयार होगी, जिसमें सभी योग्य नागरिकों के नाम होंगे और अयोग्य व्यक्तियों के नाम हटाए जाएंगे। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 326 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 के तहत होगी।