कब है गुरु पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Guru Purnima 2025

कब है गुरु पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Amit Dev Sharma

Published on:

Guru Purnima 2025: हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। यह दिन अपने गुरुओं का सम्मान करने और उनकी पूजा करने का दिन है। बता दें कि भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है क्योंकि गुरु ही शिष्य को ज्ञान का मार्ग दिखाते हैं।

“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः।”

अर्थ -यह श्लोक गुरु की महिमा का वर्णन करता है, जिसमें गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना गया है, और उन्हें साक्षात परब्रह्म के रूप में प्रणाम किया जाता है।

कब है गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा 2025 का पर्व 10 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई 2025 को रात 01:36 बजे से होगी और इसका समापन 11 जुलाई 2025 को रात 02:06 बजे होगा। उदयातिथि के आधार पर, गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:10 बजे से 04:50 बजे तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त: सुबह 05:31 बजे से 07:15 बजे तक

गुरु पूर्णिमा 2025 पर पूजा की विधि
गुरु पूर्णिमा पर पूजा विधि की बात करें तो सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें । पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। पूजा के लिए साफ वस्र पहने हैं और पूजा स्थल या मंदिर की सफाई करें। एक वेदी पर अपने गुरु की प्रतिमा स्थापित करें या भगवान की भी गुरु के रूप में पूजन कर सकते हैं। पूजा के दौरान दीपक जलाते हुए उन्हें सफेद चंदन, अक्षत, फूल, जनेऊ, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाएं। गुरु की आरती करें और गलितयों के लिए क्षमा मांगते हुए आशीर्वाद लें। इस पूजा विधि के दौरान ही गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप या ‘ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः’, ‘ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः’ जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा, गुरुओं के सम्मान को समर्पित है। यह दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इसे व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। यह दिन गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। गुरु पूर्णिमा महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें हिंदू धर्म में सबसे महान गुरुओं में से एक माना जाता है। साथ ही बता दें कि गुरु पूर्णिमा केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि बौद्धों और जैनों के लिए भी महत्वपूर्ण है। बौद्ध धर्म में यह दिन भगवान बुद्ध के सम्मान में मनाया जाता है। जैन धर्म में गुरु पूर्णिमा 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर के शिष्यों द्वारा मनाई जाती है, जिन्होंने महावीर के उपदेशों का प्रसार किया था।

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