सरकार बैंकों में पड़े करोड़ों लावारिस रुपयों को वापस करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाएगी

सरकार बैंकों में पड़े करोड़ों लावारिस रुपयों को वापस करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाएगी

Amit Dev Sharma

Published on:

न्यूज़ डेस्क।। सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। वह देश के 500 जिलों में एक व्यापाक अभियान शुरू करेगी, जिसके तहत निष्क्रिय बैंक जमा और अवैतानिक लाभांश से लेकर समाप्त हो चुकी बीमा पॉलिसियों और पेंशन फंडों तक की लावारिस वित्तीय संपत्तियों को उनके सही मालिकों को लौटाया जाएगा।

मंगलवार को मुंबई  में आयोजित हुई वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की बैठक में इस पहल को लेकर प्रस्ताव रखा गया। बता दें कि FSDC की 29 वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आरबीआई, सेबी, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण और पेंशन फंड विनियमाक और विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

योजना के अंतर्गत नियामक जिला मुख्यालयों पर समन्वित जागरुकता शिविर आयोजित करेंगे ताकि नागरिक अपनी निष्क्रिय संपत्तियों का दावा कर सके। यही नहीं योजना के तहत वित्तीय पहुंच को सरल बनाने के लिए परिषद एकीकृत केवाईसी प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय भी लिया है जो वित्तीय 2025-26 के अंत तक पूरा हो जाएगा। वैसे तो सभी नियामक सामान्य केवाईसी मानदंडों को पालन करेंगे, लेकिन जरूरत पड़ने पर क्षेत्र विशिष्ट की अतिरिक्त आवश्यकताएं जोड़ी जा सकती है।

इस हुई अहम बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण ने निष्क्रिय संपत्तियों की वापसी में तेजी लाने और केवाईसी प्रक्रिया को सुरक्षित करने पर जोर दिया। साथ ही एफएसडीसी की बैठक में भारत की मैक्रो वित्तीय स्थिरता और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने पर भी चर्चा की। वित्त मंत्रालय के अनुसार 2024-25 के वित्तीय क्षेत्र मुल्यांकन कार्यक्रम की सिफारिशों के आधार पर वित्तीय क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा रणनीति तैयार की जाएगी।

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