न्यूज़ डेस्क।। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI ) ने KYC अपडेशन प्रक्रिया को लेकर बड़ा कदम उठाया है, जिससे लोगों को राहत मिल सकती है। दरअसल KYC करने के लिए आपके सामने पहले जो चुनौतियां थीं, वो अब कम हो गईं हैं। बैंक खातों के KYC अपडेशन के लिए आरबीआई ने बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने 12 जून 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें दो प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया है।
पहली तो यह है कि अब बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट यानि बैंक के एजेंट्स जैसे कि आपके मोहल्ले की किराना दुकान या एनजीओ, एसएचजी, एमएफआई जैसे संगठन भी केवाईसी अपडेट कर सकेंगे। बता दें कि बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट (BC) वे व्यक्ति यह संगठन होते हैं जो बैंकों के एंजेट के रूप में उन क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान कर रहे होते हैं, जिन क्षेत्रों में बैंक शाखाएं नहीं हैं। इनमें किराना दुकानदार, एनजीओ, सेल्फ-हेल्प ग्रुप, या माइक्रो फाइनेंस संस्थान BC बन सकते हैं।
यही नहीं ये सभी बैंक की ओर से केवाईसी के साथ अन्य वित्तीय सेवाएं भी प्रदान करते हैं। आरबीआई ने अब यही बदलाव किया है कि BC के माध्यम से KYC अपडेट किया जा सकता है। बैंक ग्राहक अब बायो मैट्रिक आधारित और फिजिकिल सेल्फ-डिक्लेरेशन के जरिए केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके तहत बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट को ये दस्तावेज बैंक शाखा में देने होंगे और वो अपडेशन की जिम्मेदारी लेगा। इसके लिए ग्राहक को रशीद दी जाएगी और साथ ही अपडेशन पूरा होने पर सूचना भी दी जाएगी।
दूसरी यह है कि RBI ने बैंकों को KYC के लिए पहले सूचना देने का निर्देश दिया है। इसके तहत अब बैंकों को ड्यू डेट से पहले कम से कम तीन बार, जिसमें एक बार पत्र द्वारा, केवाईसी के जरिए रिमाइंडर भेजना होगा। आरबीआई का यह आदेश 1 जनवरी 2026 तक लागू करना अनिवार्य है। इस कदम को उठाने के पीछे की वजह यह है कि डायरेक्ट बेनिफिट, ट्रांसफर, स्कॉरशिप और और PMJDY खातों में KYC अपडेशन की लंबित संख्या के कारण लोगों को सरकारी योजना का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा था।