भारत फिर शुरू करेगा तुलबुल प्रोजेक्ट, पाकिस्तान के लिए है गले की है फांस

Tulbul Project

भारत फिर शुरू करेगा तुलबुल प्रोजेक्ट, पाकिस्तान के लिए है गले की है फांस

Amit Dev Sharma

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Tulbul Project:  भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में तुलबुल नौवहन परियोजना पर काम करने का निर्णय लिया है। भारत के इस कदम से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की नींद उड़ने वाली है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष देखा गया। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। यह भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई वॉटर स्ट्राइक मनी गई। बता दें कि तुलबुल नौवहन परियोजना जिसे बुलर बैराज के नाम से भी जाना जाता है, 1984 में शुरू हुई थी, लेकिन पाकिस्तान के विरोध के कारण 1987 में इसे रोक दिया गया था।

लेकिन सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद भारत को पश्चिमी नदियों -सिंधु, चिनाब, और झेलम- के पानी अधिकतम उपयोग करने का अवसर मिल गया है। बता दें कि तुलबुल परियोजना का उद्देशय वुलर झील के पास झेलम नदी पर 439 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा बैराज बनाना है, जिसकी जल भंडारण क्षमता 0.30 एकड़-फीट है। यह प्रोजक्ट भारत के लिए काफी लाभ दायक है। यह परियोजना सर्दियों में नदी के जल स्तर को स्थिर कर नौवहन को सुगम बनाएगी और डाउनस्ट्रीम जलविद्युत परियोजनाओं, जैसे उरी-I और उरी-II, में बिजली उत्पादन को बढ़ाएगी।

सरकार का प्लान चिनाब नदी पर चार नए जलविद्यत संयंत्रो को स्थापित करने की योजना भी है, जिसमें रतले परियोजना 850 मेगावाट भी शामिल है और इसे तेजी पूरा किया जा रहा है।बता दें कि सिंदु जल संधि निलंबित करने के बाद भी भारत पाकिस्तान की ओर जाने वाली पानी को रोक नहीं पाया है क्योंकि सीमित भंडारण क्षमता के कारण यह करना संभव नहीं होगा।

लेकिन भारत अब भारत जल भंडारण परियोजनाओं और पानी के उपयोग की जानकारी साझा करने के लिए बाध्य नहीं है। हाल ही में जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि भारत अपने लोगों के लिए पानी का सर्वोत्तम उपयोग करेगा और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की धमकियों से नहीं डरेगा। गौरतलब हो कि बिलावल भुट्टो ने धमकी दी थी कि भारत पानी रोकेगा तो फिर खून बहेगा।

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