डाकघरों में मिलेंगी सेवाएं, बदल रहे हैं पासपोर्ट के 5 नियम

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डाकघरों में मिलेंगी सेवाएं, बदल रहे हैं पासपोर्ट के 5 नियम

Amit Dev Sharma

Published on:

News Desk: भारत ने अपने पासपार्ट सिस्टम में पांच क्रांतिकारी बदलाव (Passport Rules) कर दिए हैं, जिसकी चर्चा है। यह बदलाव कहीं ना कहीं पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को और भी आसान नहीं कर देंगे। हम यहां उन पांच बदलावों के बारे में बता रहे हैं।

1. ई-पासपोर्ट: भारत ई-पासपोर्ट की शुरुआत की है जो एक क्रांतिकारी बदलाव है। भारत ने गोवा और रांची जैसे शहरों में चिप-युक्त पासपोर्ट शुरू किए हैं। इनमें आरएफआडी चिप्स शामिल हैं जो बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करते हैं। यह आईसीओ मानकों के अनुरूप भी हैं जो इमिग्रेशन प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाने का काम करते हैं।

2. जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य : 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्म आवेदकों के लिए पासपोर्ट आवेदन में जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य है। यह प्रमाणपत्र रजिस्ट्रार ऑफ बर्थ्स एंड डेथ्स या 1969 के अधिनियम के तहत अधिकृत प्राधिकरण द्वारा जारी होना चाहिए। इससे दस्तावेंजों की एकरूपता और प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी।

3. पते का हटना -गोपनीयता बढ़ाने के लिए पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर आवासीय पता अब मुद्रित नहीं होगा। इसके बजाय यह जानकारी स्कैन करने योग्य बारकोड में संग्रहीत होगी,

4. माता-पिता के नाम हटेंगे: नए पासपोर्ट में माता-पिता के नाम भी नहीं होंगे।इस बदलाव से कहीं ना कहीं एकल-माता-पिता या जटिल पारिवारिक परिस्थितियों वाले लोगों के लिए आवेदन प्रक्रिया आसान होगी।

5. पासपोर्ट सेवा केंद्रों का विस्तार: सरकार अब 2030 तक का लक्ष्य रखते हुए पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने की योजना बना रही है।ऐसा करने से काफी लोगों को फायदा होगा और वह आसानी से पासपोर्ट बनवा सकते हैं।

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