न्यूज़ डेस्क।। भारत के लिए बड़ी खुशख़बरी सामने आई है क्योंकि वह कच्चे तेल (Crude Oil ) में आत्मनिर्भर बन सकता है। दरअसल देश में कच्चे तेल के भंडार मिले हैं। वैसे आपको बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85 से 88 प्रतिशत कच्चा तेल दूसरे देशों से आयात करता है। भारत कच्चा तेल का आयात का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। इस मामले में पहले और दूसरे नंबर पर अमेरिका और चीन हैं।
लेकिन अब देश में कच्चे तेल का भंडार मिलना, यह भारत के लिए गेम चेंजर हो सकता है। केंद्रीय पेट्रोलियम एंव प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पूरी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपने दिए एक इंटरव्यू में दावा किया है कि हम अंडमान सागर में एक परिवर्तनकारी तेल भंडार की खोज के कगार पर हैं। यह कॉर्पोरेशन और सीएनओओसी द्वारा गुयाना में की गई विशाल खोज के समान है। गुयाना तेल भंडार के मामले में विश्व में 17 वें नंबर पर है। गुयाना के पास लगभग 11.6 बिलियन बैरल तेल और गैस का भंडार है।
बताया जाता है कि हमारे देश में कच्चे तेल के भंडार मुख्य रूप से असम, गुजरात, राजस्थान, मुंबई हाई और कृष्णा-गोदावरी बेसन में हैं। इसके अलावा रणनीतिक भंडार विशाखापट्टनम, मंगलौर और पदूर में हैं। साथ ही नए भंडार ओडिशा और राजस्थान में प्रस्तावित हैं। वहीं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेल और गैस की खोज जारी है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री का यह भी कहना रहा है कि हम छोटी-छोटी खोजों के अलावा अगर अंडरमान में गुयाना के बराबर तेल भंडार खोज लें तो भारत 3.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से सीधे 20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। गौरतलब हो कि फिलहाल भारत रूस, इराक, सऊदी अरब जैसे देशों से कच्चा तेल आयात करता है। लेकिन कृष्णा-गोदावरी बेसिन और संभावित अंडमान भंडार से आयात पर निर्भरता कम हो सकती है।