न्यूज़ डेस्क। कश्मीर घाटी में ट्रेन चलाने की योजना महत्वकांक्षी है जो एक सदी के बाद अब पूरी होने जा रही है। बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कटरा से कश्मीर तक वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) को हरी झंडी दिखाएंगे। इस दौरान ही पीएम मोदी चेनाब पुल का भी उद्याटन करेंगे, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज होगा।
कहां से कहां तक चलेगी ट्रेन
श्रीनगर कटरा रेल मार्ग से जुड़ जाएगा, जिस पर वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी। बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। कश्मीर घाटी रेल सेवा सिर्फ बारामुला से संगलदान तक ही सीमित है। कटरा तक आने वाली ट्रेनों वहीं रुक जाती हैं, हालांकि अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कटरा से सीधे श्रीनगर और बारामूला तक जाएगी। यही नहीं वैष्णो देवी जाने वाले लोगों का सफर भी काफी आनंदमय और रोमांचक हो जाएगा।
एक सीनियर रेलवे अधिकारी ने कहा, “जो 19वीं शताब्दी में डोगरा महाराजाओं द्वारा प्रस्तावित एक दृष्टिकोण था, वह अब स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत उपलब्धियों में से एक बन गया है।” महाराजा हरि सिंह के पोते औ पूर्व सदर-ए-सियासत करण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने भी खुशी प्रकट की है। उनका कहना रहा है कि यह गर्व की बात है कि डोगरा शासक की 130 साल पहले बनाई योजना आखिरकार साकार हो गई है।
डोगरा शासक का था सपना
कुछ पुराने घटनाक्रम पर जाएं तो डोगरा शासक ने ब्रिटिश इंजीनियरों को कश्मीर तक रेल मार्ग के लिए बीहड़ इलाके का सर्वेक्षण करने का काम सौंपा था। उन्होंने इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और उसने क्रियान्वित करने के लिए तीन ब्रिटिश इंजीनियरों को नियुक्त किया। हालांकि 1898 से 1909 के बीच 11 वर्ष में तैयार की गई तीन रिपोर्टों में से दो को अस्वीकार कर दिया गया था।
कश्मीर तक रेल संपर्क का विचार पहली बार 1 मार्च 1892 को महाराजा द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद जून 1898 में ब्रिटिश इंजीनियरिंग फर्म एसआर स्कॉट स्ट्रैटन एंड कंपनी को सर्वक्षण करने और योजना को निष्पाति करने के लिए लगाया गया था। तब से प्रयास तो कई बार हुए है, लेकिन यह काम अब जाकर पूरा हो पाएगा।