न्यूज़ डेस्क।। भारत ने हाल ही में चीन से आयातित होने वाले चार रसायनों पर एंटी-डंपिंग शुल्क (Anti-dumping duty) लगाया है। ये शुल्क PEDA (खरपतवार नाशक), एसीटोनिट्राइल (दवा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाला रसायन), विटामिन-ए पामिटेट और अघुलनशील सल्फर पर लगाए गए हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग ने कहा कि इन रसायनों के आयात पर लगाया गया शुल्क पांच वर्ष की अवधि के लिए लगाया जाएगा।
सामने आई जानकारी की माने तो वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा, व्यापार उपचार महानिदेशालय की सिफारिशों के बाद ये शुल्क लगाए गए हैं। PEDA पर शुल्क 1,305.6 से 2017.9 डॉलर प्रति टन तक होगा, जबकि चीन, रूस और ताइवान से आयातित एसीटोनिट्राइल पर 481 डॉलर प्रति टन तक का शुल्क लगाया गया है। साथ ही सरकार ने चीन, यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड से आयातित विटामिन-ए पामिटेट पर 20.87 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम तक का शुल्क लगाया है और टायर उद्योग में इस्तेमाल होने वाले चीन और जापान से आयात किए जाने वाले अघुलनशील सल्फर के आयात पर 358 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क लगाया गया है।
बता दें कि सस्ते आयात में उछाल के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए देशों द्वारा डंपिंग रोधी जांच की जाती है। विश्व व्यापार संगठन की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत यह शुल्क लगाए जाते हैं।
भारत और चीन दोनों ही विश्व व्यापार के संगठन के सदस्य हैं। इन शुल्क का उद्देश्य प्रमुख रूप से निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर तैयार करना है। पिछले वित्त वर्ष में चीन का भारत के लिए निर्यात 14.5 प्रतिशत अरब डॉलर रह गया , जबकि 2023-24 में यह 16.66 अरब डॉलर था। हालांकि 2024 -25 में आयात 11.51 प्रतिशत बढ़कर 113.45 अरब डॉलर हो गया , जबकि 2023-24 में यह 101.73 अरब डॉलर था।