न्यूज़ डेस्क।। भारत की अफगानिस्तान से दोस्ती पाकिस्तान को रास नहीं आती है। भारत की अफगानिस्तान से बढ़ती नजदीकी से पाकिस्तान घबराया हुआ है। इस वजह से ही अब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ अपने संबंध सुधारने शुरू कर दिए हैं। इसी सिलसिले में पाकिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है।
पाकिस्तान ने हाल ही में काबुल में अपनी कूटनीतिक मौजूदगी को बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि वह क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए किसी भी कीमत पर जा सकता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बताया कि काबुल में मौजूदा समय में चार्जे डीएफेयर की स्थिति को एम्बेसडर लेवल में बदलने का फैसला लिया गया है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों में सुधार के लिए यह अहम है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस कदम से दोनों भाई राष्ट्रों के बीच आर्थिक, सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी और व्यापारिक सहयोग को मजबूती मिलेगी।19 अप्रैल 2025 को काबुल में हुई एक सफल पाक मंजूरी यात्रा इस दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के दोनों उच्च स्तरीय संपर्क में यह साफ हो गया कि दोनों देशों ने अपने बीच पुरानी दरारों को मिटाने और क्षेत्रीय स्थितरता के लिए नए सिरे से सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है। पाकिस्तान के द्वारा अफगानिस्तान से अपने रिश्ते सुधारने के पीछे भारत को माना जा रहा है ।
बता दें कि भारत ने अपना प्रभाव अफगानिस्तान में बढ़ाया और यह पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है। पाकिस्तान के भारत से हाल ही के समय में रिश्ते और खराब हुए हैं। अब वह अपने पड़ोसी को साथ लेने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियोने बीजिंग में एक अऩौपचारिक बैठक की, जहां उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक संपर्क और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया।