न्यूज़ डेस्क।। यूएई और सऊदी अरब देशों से भारत में काफी पैसा आ रहा है। इन दोनों देशों से भारत में रेमिटेंस (Remittances to India ) अचानक बढ़ने का बड़ा कारण है, भारतीय रुपए में गिरावट। यूएई और सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय अब अपने घर भारत में ढेर सारा पैसा भेज रहे हैं। अब 1 AED की कीमत लगभग 23.5 रुपये हो गई है। कहीं ना कही यूएई की करेंसी की तुलना में रुपया कमजोर हो गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक रुपए की वैल्यू डाउन होने की वजह से एनआरआई फटाफट पैसे भेजने में लगे हुए हैं। 19 जून गुरुवार से AED-INR ट्रांजैक्शन्स में काफी तेजी नजर आई है। इस संदर्भ में करेंसी एक्सचेंज हाउस के आधिकारियों का कहना है कि एनआरआई अब वैल्यू गिरने का इंतेजार नहीं कर रहे, जिनके पास थोड़ा सा भी पैसा है। वे तुरंत भारत ट्रांसफर कर रहे हैं।
वैसे अक्सर यह देखा जाता है कि जून में पैसे भेजने की मात्रा काम हो जाती है। समर वेकेशंस की वजह से लोग ट्रैवल, शॉपिंग और दूसरे खर्चों में बिजी रहते हैं, लेकिन इस बार रुपए की कमजोरी ने ये पैटर्न तोड़ दिया है। एक्सचेज हाउस के ऑफिसर्स का मानना है कि अगर रुपया और कमजोर होता है या जुलाई में वैल्यू और गिरती है तो एनआरआई को डबल फायदा होगा।
बता दें कि रेमिटन्स की तेजी तब आई है जब दुनिया में ग्लोबल अनसर्टेनिटी का माहौल है। इजरायल और ईरान के बीच टेंशन चल रही है। बता दें कि वैसे तो ऐसी परिस्थिति में इनवेस्टर्स सेफ ऑप्शन के तौर पर अमेरिकी डॉलर की ओर भागते हैं, लेकिन इस बार गोल्ड ने सेफे हेवन का रोल निभाया है। डॉलर कमजोर रहा, जिससे रूपया को थोड़ा सा सपोर्ट मिला है।रुपए की वैल्यू गिरने से एनआरआई कोबड़ा फायदा हो रहा है। वे कम एआईडी खर्च करके ज्यादा रुपए भारत में भेज पा रहे हैं।