न्यूज़ डेस्क।। दक्षिण कोरिया में जो हाल ही में सत्ता परिवर्तन हुआ है, उसकी काफी ज्यादा चर्चा है। दरअसल दक्षिण कोरिया का राष्ट्रपति वो शख्स बन गया है जो कभी फैक्ट्री में काम किया करता था। दक्षिण कोरिया में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली ज्ये-म्यांग ( Lee Jae-myung) ने राष्ट्रपति पद पर धमाकेदार जीत दर्ज की है। दक्षिण कोरिया में छह महीने की राजनीतिक अस्थिरता के बाद ली ज्ये-म्यूंग का विशेष राष्ट्रपति चुनाव जीतना अपने आप में एक गजब कहानी है।
दक्षिण कोरिया में पूर्व राष्ट्रपति युन सुक येओल पर महाभियोग और मार्शल लॉ की नाकाम कोशिश के बाद यह चुनाव हुआ था। मानवाधिकार वकील और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली जे-म्यांग ने इस चुनाव में जीतकर देश में एक अलग लीकर खींच दी है, जिन्हें करीब 49.3 प्रतिशत वोट मिले, जबकि मतदान प्रतिशत 80 से अधिक है। वहीं पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार किम मून-सु को कुल 41.15 प्रतिशत वोट मिले। बता दें कि दक्षिण कोरियाई लोगों ने छह महीने के राजनीतिक उथल-पुथल के बाद अपना अगला राष्ट्रपति चुना । ली जे-म्यांग ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद सियोल में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्हें जीत की बधाई और धन्यवाद कहा।
कौन हैं ली जे-म्यांग
पिछले वर्ष मौत से बचने से लेकर मार्शल लॉ के दौरान नेशनल असेंबली की दीवारों पर चढ़ने के लिए वायरल होने तक 61 साल के मानवाधिकार वकील ली पिछले कुछ सालों में दक्षिण कोरियाई राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बनकर उभरे हैं। उन्होंने इससे पहले 8 साल तक दक्षिण सियोल में सेंओंगनाम के मेयर के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे तीन साल तक ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर के रूप में काम करते रहे।2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी के ली उम्मीदवार रहे लेकिन राष्ट्रपति पद के लिए पीपीपी उम्मीदवार यूं सुक-योल से बहुत कम अंतर से हार गए। गौर किया जाए तो ली की ज़िंदगी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। बाल मजदूर, गरीबी से होते हुए देश के राष्ट्रपति पद तक पहुंचना किसी के लिए यह कहानी चमत्कार से कम नहीं हैं।