India’s Crude oil Reserves: हाल ही के समय में इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए संघर्ष के बाद इसकी आशंका जताई गई है कि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बाधित करने का प्रयास कर सकता है। इससे आपूर्ति में कमी आ सकती है और तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है। इन चल रहे घटनाक्रम से भारत को चिंता करने की बात नहीं है, ऐसा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा ।
उन्होंने कहा कि भारत के विविध कच्चे तेल आपूर्ति स्त्रोत और यह तथ्य है कि इसका महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरुमध्य से होकर नहीं गुजरता है। हालांकि पुरी ने इस बात का उल्लेख नहीं किया, वह यह है कि भारत की सुविधा उसके रणनीतिक कच्चे तेल भंडार से और भी बढ़ जाती है, जो तीन प्रमुख स्थानों पर भूमिगत चट्टानी गुफाओं में संग्रहीत हैं।
भारत ने अपने सामरिक प्रेट्रोलियम भंडार के हिस्से के रूप में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में चट्टानी गुफाओं या कंदराओं में कई मिलियन मीट्रिक टन कच्चा तेल जमा कर रखा है। एसपीआर के लिए दो और ऐसे स्थल ओडिशा और कर्नाटक में बनाए जा रहे हैं।
इस प्रकार मध्यपूर्व में संकट बढ़ने से तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है तथा भारत इससे निपटने के लिए तैयार है।हाल के दिनों में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष ने वैश्विक तेल बाजारों में अस्थिरता पैदा करने का काम किया। दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में से एक ईरान, होर्मुज जलडमरूमध्य पर स्थित है। सऊदी अरब, कुवैत और इराक सहित कई अन्य फारसी खड़ा देश, रणनीतिक चोकप्वाइंट के ठीक पूर्व में स्थित हैं, जो अपने कच्चे तेल के निर्यात का बड़ा हिस्सा भेजने के लिए इस संकरे मार्ग पर निर्भर है जो कि सबसे संकरी जगह पर सिर्फ 33 किलोमीटर चौड़ा है।