अविवाहित जोड़ों को जगन्नाथ पुरी मंदिर जाने की क्यों है मनाही, जानिए इसके पीछे का रहस्य

Jagannath Puri

अविवाहित जोड़ों को जगन्नाथ पुरी मंदिर जाने की क्यों है मनाही, जानिए इसके पीछे का रहस्य

Amit Dev Sharma

Published on:

न्यूज़ डेस्क। जगन्नाथ (Jagannath Puri) रथ यात्रा की तैयारियां चल रही हैं, जिसकी शुरुआत 26 जून से हो जाएगी और यह 10 दिनों तक चलेगी। इस यात्रा के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में देश-विदेश से भक्त आते हैं। धार्मिक मान्यता यह है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर अपनी मौसी के घर यानि गुंडिचा मंदिर जाते हैं और 11 वें दिन जगन्नाथ जी की अपने मंदिर में वापसी होती है। जगन्नाथ रथ यात्रा काफी रहस्मयी है।

अविवाहित जोड़ों को पुरी जगन्नाथ मंदिर जाने की क्यों है मनाही
साथ ही जगन्नाथ मंदिर से जुड़े भी कई रहस्य हैं। इस मंदिर से जुड़ा हुआ यह रहस्य है कि मंदिर में अविवाहित जोड़ों को जाने की मनाही है। जगन्नाथ मंदिर में अविवाहित जोड़ों के प्रवेश पर रोक के पीछे एक पौराणिक कथा मिलती है। यह कथा राधा रानी के श्राप से जुड़ी हुई है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण जगन्नाथ जी के रूप में बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ विराजमान हैं। लेकिन यहां राधा रानी नहीं विराजी हुईं और इसके पीछे का भी कारण मिलता है।

क्या है पौराणिक कथा
एक बार राधा रानी जगन्नाथ पुरी मंदिर पहुंचीं, जहां वे भगवान श्रीकृष्ण के जगन्नाथ रूप के दर्शन की इच्छुक थीं। जैसे ही उन्होंने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की तो मंदिर के पुजारी ने उन्हें रोक दिया। राधा रानी ने आश्चर्यचकित होकर पुजारी से इसका कारण पूछा।

इस पर मंदिर के पुजारी ने जवाब देते हुए कहा कि आप श्रीकृष्ण की प्रेमिका हैं, उनकी पत्नी नहीं। जब श्रीकृष्ण की पत्नियों को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं हैं तो आप कैसे प्रवेश कर सकती हो। पुजारी के इस बात पर राधा रानी को क्रोध आ गया है और उन्होंने नाराजगी जताते हुए जगन्नाथ मंदिर को श्राप दिया कि, आज से कोई भी अविवाहित जोड़ा इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेगा। यदि कोई अविवाहित जोड़ा यहां प्रवेश करने का प्रयास करेगा, उसे अपने जीवन में सच्चा प्रेम कभी प्राप्त नहीं होगा। इस श्राप की वजह से मंदिर में अविवाहित जोड़ों का प्रवेश वर्जित है।

 

जुड़े रहें ➥