टेक्नोलॉजी न्यूज़ डेस्क।। एलन मस्क की स्पेसएक्स (SpaceX) की स्वामित्व वाली स्टारलिंक (Starlink) को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की हरी झंडी मिल गई है। अब जल्द ही भारत की इंटरनेट की दुनिया में स्टारलिंक तहलका मचा सकती है। स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा दुनिया भर के 100 से ज्यादा देशों और क्षेत्रों में फिलहाल उपलब्ध कराती है। स्टारलिंक का लक्ष्य दुनिया के शहरी और दूरदराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना रहा है। अगर आप अपने मौजूदा इंटरनेट कनेक्शन को छोड़कर स्टारलिंक का उपयोग करना चाहेंगे तो इसके लिए आपका सैटेलाइट इंटरनेट का मंथली खर्च कितना होगा, यह सवाल हर किसी के ज़ेहन में है।
गौर करने वाली बात है कि इस महीने की शुरुआत में पीटीआई की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत सरकार ने स्टारलिंक को एक आशय पत्र जारी किया है, जिसे LoI के रूप में भी जाना जाता है, जिससे स्पेसएक्स के स्वामित्व वाली कंपनी के लिए देश में उपग्रह संचार सेवाएं प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है।
जियो और एयरटेल के साथ हुई साझेदारी
जानकारी के लिए बता दें कि एलन मस्क के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारतीय एयरटेल (Airtel) जैसे प्रमुख दूरसंचार नेटवर्क के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनकी भारतीय दूरसंचार बाजार में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है, लेकिन अहम सवाल यह है कि ये साझेदारियां भारत में स्टारलिंक की सेवाओं की कीमत और उपलब्धता को कैसे प्रभावित करती हैं।
सैटेलाइट इंटरनेट का मंथली खर्च?
कुछ रिपोर्ट्स से यह जाहिर होता है कि योजना और भौगोलिक स्थिति के आधार पर भारतीयों को सैटेलाइट इंटरनेट के लिए प्रतिमाह 3,000 से 7,000 रुपए के बीच भुगतान करना होगा। हालांकि यह सिर्फ मासिक सदस्यता शुल्क है। मासिक शुल्क के अलावा उपयोग कर्ताओं को स्टारलिंग किट भी खरीदनी होगी, जिसमें वाई-फाई राउटर और सैटेलाइट डिश शामिल हैं। इससे कहीं ना कहीं लागत बढ़ेगी ही। वैसे अमेरिका में मानक स्टारलिंक की कीमत 349 डॉलर है, जो लगभग भारतीय मुद्रा में 30,000 रुपए है, जबकि यहां स्टारलिंक की मिनी किट की कीमत 599 से डॉलर यानि भारतीय रुपए में 43,000 है।